इस लेख में हम डिस्कस करेंगे कि ग्राम प्रधान की पेंशन कितनी होती है, या ग्राम प्रधान को पेंशन मिलती है या नहीं मिलती है? ग्राम प्रधानों कि मांग है कि उन्हें भी रिटायर होने पर पेंशन और अतिरिक्त सुविधाएँ मिलें, ठीक वैसे ही जैसे पंचायत सचिव को मिलती हैं।
ग्राम प्रधान की पेंशन कितनी होती है
हकीकत यह है कि ग्राम प्रधानों को सरकार की तरफ से कोई पेंशन नहीं मिलती है। ग्राम प्रधानों द्वारा सांसद एवं विधायकों की तरह पेंशन व अन्य सुविधाओं की मांग बहुत दिनों से की जा रही है। लेकिन अभी तक इसका (ग्राम प्रधानों की पेंशन का) निर्धारण नहीं हो पाया है। वे यह भी चाहते हैं कि पंचायतों में काम करने वाले कर्मचारी कितनी अच्छी तरह अपना काम कर रहे हैं, इस बारे में रिपोर्ट लिखने का अधिकार उनके पास हो।
वर्ष 2023 में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने ग्राम प्रधानों की पैंशन के बारे में शून्य काल के दौरान मुद्दा उठाया था, उन्होंने भी कहा था कि जब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक के लिए संविधान में पेंशन की व्यवस्था है तो वहीं ग्राम प्रधान और नगर निगमों के जनप्रतिनिधि के लिए पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं है, ये भी तो जनता का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। मतलब लोगों की मदद करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।