UP ब्लॉक प्रमुख की सैलरी से पहले ये जानते हैं कि ब्लॉक क्या होता है और इसकी क्यों जरुरत पड़ी? इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें संविधान और पंचायती राज के इतिहास के बारे में जानना होगा। भारत वास्तव में एक बड़ा देश है, और अगर सभी निर्णय प्रदेश की राजधानी में ही लिए जाएँ, तो हम यह नहीं जान पाएँगे कि सभी अलग-अलग जगहों (जिलों) में क्या हो रहा है।
ब्लॉक क्या होता है
देश छोटे-छोटे टुकड़ों से बनी एक बड़ी पहेली की तरह है। सबसे पहले, बड़े टुकड़े हैं जिन्हें राज्य कहा जाता है। प्रत्येक राज्य में और भी छोटे टुकड़े हैं जिन्हें जिले कहा जाता है। प्रत्येक जिले के अंदर, ब्लॉक हैं, जो समूहों की तरह हैं। फिर, उन ब्लॉकों के भीतर ग्राम पंचायतें हैं, जो छोटे समुदायों की तरह हैं। अंत में, प्रत्येक ग्राम पंचायत छोटे गाँवों से बनी होती है, जहाँ लोग एक साथ रहते हैं और काम करते हैं।
इसका मतलब है कि चीजों को व्यवस्थित करने में मदद करने के लिए, जिलों को छोटे भागों में विभाजित किया जाता है जिन्हें ब्लॉक कहा जाता है। प्रत्येक ब्लॉक में कई गाँव होते हैं। एक ब्लॉक में गाँवों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि जिला कितना बड़ा है।
अब बात करते हैं कि UP ब्लॉक प्रमुख की सैलरी कितनी होती है
ब्लॉक प्रमुख को हर महीने 11300 रुपए सैलरी (मानदेय) के तौर पर मिलते हैं। उन्हें अन्य कामों के लिए भी कुछ अतिरिक्त पैसे (भत्ते) मिलते हैं। 2019 से पहले जो ब्लॉक प्रमुख को 9800 रुपए वेतन दिया जाता था लेकिन योगी योगी जी के शासनकाल 2019 में इन्होंने 1500 रुपए वेतन इनका बढ़ा दिया तो अब इनका वेतन 11300 रुपए हो गया।
अब बात करते हैं भत्ते की, जैसे की ब्लॉक प्रमुख को यात्रा भत्ता मिलता है और साथ ही साथ जो इनका ऑफिस है जहां पर ब्लॉक प्रमुख बैठते हैं, तो वहां के जो रजिस्टर, कलम और काफी जो भी चीज लगती हो तो उनके खर्च के लिए भी इनको कुछ रुपए मिलते हैं जो कि 7000 से 8000 रुपए मिलते हैं।
UP ब्लॉक प्रमुख की सैलरी (टोटल)
मंथली फिक्स सैलरी = 11300 रुपए
मंथली यात्रा भत्ता (लगभग) = 20000 रुपए
ऑफिस का खर्चा (मंथली) = 7000 रुपए
UP ब्लॉक प्रमुख की सैलरी (कुल मानदेय) = 38300 रुपए
ब्लॉक क्षेत्र में आने वाली सभी ग्राम पंचायत का बजट ब्लॉक प्रमुख की अध्यक्षता में ही पास होता है। वर्तमान में एक ब्लॉक प्रमुख को कुल 5 करोड़ की एक बड़ी रकम मिलती है। राज्य वित्त आयोग से 2 करोड रुपए और केंद्रीय वित्त आयोग से 3 करोड रुपए। यानी यह पैसा गांवों में हालात बेहतर बनाने में मदद करने के लिए दिया जाता है। लेकिन कभी-कभी, गांवों की मदद के लिए पैसे का इस्तेमाल करने के बजाय,ब्लॉक प्रमुख इसका इस्तेमाल पहले खुद की मदद के लिए करते हैं।