कई राज्यों में ग्राम प्रधान को सरपंच कहा जाता है। हर 5 सालों में गांव के लोग अपना सरपंच चुनने के लिए वोट करते हैं। यह वोटिंग राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्राम पंचायत इलेक्शन के रूप में होती है।
ग्राम प्रधान का कार्यकाल
ग्राम प्रधान चुने जाने के बाद, सरपंच या ग्राम प्रधान का कार्यकाल 5 साल तक होता है। ग्राम पंचायत का कार्यकाल निश्चित होता है। लेकिन कभी-कभी कुछ खास परिस्थिति होने पर चुनाव नहीं हो पता है तो राज्य सरकार को 6 महीने के भीतर नए चुनाव कराने होते हैं। सरकार इससे ज़्यादा समय नहीं ले सकती, चाहे कुछ भी हो।
किसी भी परिस्थिति में राज्य सरकार ज़रूरत पड़ने पर पंचायत उपचुनाव कराने का निर्देश देती है या बर्खास्त करने का निर्णय लेती है।